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बाबा रामदेव का राजनीति में स्‍वागत

amritvani
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बदनाम होती जा रही राजनीति में किसी भी ऐसे शख्‍स का स्‍वागत है जो आचरण एवं कर्मो से समाज को संदेश दे सके। बाबा रामदेव जी जैसे व्‍यक्तित्‍व ने अभी तक यह कर दिखाया है । भारत स्‍वाभिमान नाम से एक आन्‍दोलन का सूत्रपात किया है जिसका उददेश्‍य भारतीय गौरव की पुनस्‍थापना एवं अस्मिता की रक्षा करना है । निश्चित रूप से वे चुनावी मैदान में उतर कर भावी राजनीति की दिशा एवं दशा का निर्धारण कर पायेंगे । एक गैरूआ वस्‍त्रधारक का राजनीति में प्रवेश से अनेक नेताओं में खलबली मची हुई है वे अपनी सधी हुई अंहकारयुक्‍त भाषा में बाबा को राजनीति में न उतरने की नसीहत दे रहे है। नि:सन्‍देह इस बात की सम्‍भावना है कि विरोधी लोग बाबा को बदनाम करने की साजिश करेंगे । यहॉ यह भी कहना जरूरी है कि कुछ महत्‍वपूर्ण एक्‍सरसाईज बाबा को भी करनी पडेगी । यदि अगले लोकसभा चुनाव में बाबा को दबाव की राजनीति करनी है तो यह एक्‍सरसाइज और भी महत्‍वपूर्ण हो जाती है । प्रथम चरण में बाबा ने पूरे देश में कार्य कारिणी की बैठकों से आहवान कर दिया है लेकिन महत्‍वपूर्ण यह होगा कि अच्‍छे एवं बेदाग छवि वाले प्रत्‍याशियों को चयन लोक सभा के लिए किया जाय । चयन के लिए उम्‍मीदवारों की पृष्‍ठभूमि एवं चरित्र की गहन जानकारी बाबा रामदेव जी को रहे । बाबा को यह भी पता रहना चाहिए कि राजनीति में प्रवेश के उपरान्‍त उनसे जुडे नेताओं की हैसियत में क्‍या बदलाव आता है । दूसरे चरण में बाबा को अपने द्वारा दिये जा रहे वक्‍तव्‍यों को सिद्ध करने के लिए वाकायदा रणनिति बनानी पडेगी । बाबा के वक्‍तव्‍यों के अनुसार -1 बाबा का कहना है कि भारत की आर्थिक विकास दर बीस प्रतिशत करके दिखायेंगे । य‍ह कैसे और किस प्रकार होगा , इसके लिए बौद्धिक विश्‍लेषण की आवश्‍यकता होगी । 2- बाबा को कहना है कि लाल फीताधारी नौकरशाही के स्‍थान पर जबावदेह एवं पारदर्शी लोकशाही का निर्धारण करेंगे । इसके लिए बाबा को फिल्‍म नायक की तरह नौकरशाही से टक्‍कर लेनी होगी जो आज तक विश्‍व इतिहास में किसी ने नही ली है । 3-भ्रष्‍टाचार एवं कालाबाजारी रोकने के लिए बाबा को तथाकथित माफियाओं का विरोध झेलना पडेगा । 4- अनगिनित करों से राहत दिलाते हुए आम आदमी को सस्‍ती एवं गुणवत्‍ता युक्‍त शिक्षा एवं स्‍वास्‍थ्‍य उपलब्‍ध कराने के लिए कठोर तप करना पडेगा । 5- दूरदराज एवं पिछडे क्षेत्रों के गरीबों के लिए आय के स्रोत एवं समुचित स्‍वास्‍थ्‍य उपलब्‍ध कराते हुए राष्‍ट्र की विकास धारा से जोडना पडेगा । 6- बेरोजगारी से निपटने एवं जनसंख्‍या पर नियन्‍त्रण के लिए समयबद्ध रणनिति बनानी पडेगी । उपरोक्‍त सभी कार्यो के लिए बाबा को कठिन कवायद करनी जरूरी है यदि वे राजनीति में उतरना चाहते है ।
मुझे सिर्फ इतना कहना है आम आदमी बाबा का राजनीति में इन्‍ट्री हेतु इंतजार कर रहा है । देखना यह है कि बाबा धूमिल होती राजनीति को किस प्रकार धवल बनायेंगे ।

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